बुधवार, 12 मई 2021

सर्वनाम की संपूर्ण जानकारी | सर्वनाम और उसके सभी भेद की पूरी जानकारी

 सर्वनाम और उसके भेद की पूरी जानकारी | हिंदी विभाग हिंदी से समन्धित सभी नोट्स विद्यार्थियों के लिए उमलब्ध करते हैं ताकि उन्हें सभी चीज़ें सही से समझ आएं | आज हम आपको पूरी जानकारी दे रहे हैं |

Sarvnam ke bhed aur iski poori jankari.

 

सर्वनाम – भेद परिभाषा और उदाहरण

 

सर्वनाम दो शब्दों के योग से बना है सर्व + नाम , अर्थात जो नाम सब के स्थान पर प्रयुक्त हो उसे सर्वनाम कहा जाता है। कुछ उदाहरण से समझिये –


मोहन 11वीं कक्षा में पढ़ता है। मोहन स्कूल जा रहा है। मोहन के पिताजी पुलिस हैं। मोहन की माताजी डॉक्टर है। मोहन की बहन खाना बना रही है।

उपर्युक्त वाक्य में मोहन ( संज्ञा )  है इसका प्रयोग बार – बार हुआ है। बार – बार मोहन शब्द को दोहराना वाक्यों को अरुचिकर व कम स्तर का बनाता है। यदि हम एक वाक्य में मोहन ( संज्ञा ) को छोड़कर अन्य सभी जगह सर्वनाम का प्रयोग करें तो वाक्य रुचिकर व आकर्षक बन जाएंगे।

जैसे –

  • मोहन 11वीं कक्षा में पढ़ता है।
  • वह स्कूल जा रहा है।
  • उसके पिताजी पुलिस हैं।
  • और उसकी माताजी डॉक्टर हैं।
  • उसकी बहन खाना बना रही है।

इस प्रकार हम संज्ञा के स्थान पर इस का प्रयोग कर सकते हैं। 

sarvnaam in hindi with examples
Sarvnaam in hindi with examples

 

सर्वनाम की परिभाषा ( Sarvnam ki paribhasha ) –

” वह शब्द जो संज्ञा के बदले में आए उसे सर्वनाम कहते हैं।”

जैसे – ‘ मैं ‘ ,  ‘ तुम ‘  ,  ‘ हम ‘  , ‘  वह ‘ , ‘ आप ‘ , ‘  उसका ‘ , ‘ उसकी ‘  , ‘ वह ‘ आदि।

इसके शाब्दिक अर्थ को समझें तो यही प्रतीत होता है कि “ सबका नाम ” यह शब्द किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा प्रयुक्त ना होकर सबके द्वारा प्रयुक्त होते हैं।  किसी एक का नाम ना होकर सबका नाम होते हैं। ” मैं “  का प्रयोग सभी व्यक्ति अपने लिए करते हैं। अतः मैं किसी एक का नाम ना होकर सबका नाम है।

 

Sarvnaam aur uske bhed paribhasha udahran

इसके छह भेद हैं –

  1. पुरुषवाचक
  2. निश्चयवाचक
  3. अनिश्चयवाचक
  4. संबंधवाचक
  5. प्रश्नवाचक
  6. निजवाचक

यह थे भेद , अब आगे आप पढ़ेंगे सभी भेदों का पूरा विस्तार |

 

1 पुरुषवाचक सर्वनाम ( Purush vachak sarvnam )

 

  • उसने मुझे बोला था कि तुम पढ़ रही हो।

 

उपर्युक्त वाक्य को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि , इस वाक्य में तीन तरह के पुरुषवाचक शब्द आए हैं। ” उसने ” , ” मुझे “ और ” तुम “ अतः स्पष्ट होता है कि , पुरुषवाचक तीन प्रकार के होते हैं १ उत्तम पुरुष  , २ मध्यम पुरुष  व  ३ अन्य पुरुष। 

१  उत्तम पुरुष  –

वक्ता जिन शब्दों का प्रयोग अपने स्वयं के लिए करता है , उन्हें उत्तम पुरुष कहते हैं। जैसे – मैं  , हम  ,  मुझे   ,  मैंने  , हमें  , मेरा  , मुझको ,  आदि।

  • मैं कल सुबह नानी के घर जाऊंगा।
  • मैं कक्षा चार में पढता हु।
  • मेरा नाम राम है।
  • मेरे पास चार पेंसिल है।
  • मैंने खाना खा लिया।
  • मुझे पता है पिताजी विद्यालय गए है।
  • मेरा घर दिल्ली में है।
  • हमे कुछ देर और खेलना चाहिए।
  • हम सब दोस्त खूब खेलते है।
  • मुझे आम पसंद है।

२  मध्यम पुरुष –

श्रोता ‘ संवाद ‘ करते समय जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करता है उन्हें मध्यम पुरुष कहते हैं – जैसे – तू  ,  तुम ,  तुमको  , तुझे  ,  आप  ,  आपको  , आपके आदि।

  • तू राम का भाई है।
  • तुम कल स्कुल जाओगे।
  • तुम मेरे घर आना हम साथ मिल कर चलेंगे।
  • तुमको अपने घर जाना चाहिए।
  • तुझे पता भी है मेरे पास कितने पैसे है।
  • आप बाजार से मेरे लिए फल लाना।
  • आपको कल मेरे विद्यालय चलना है।
  • आपको पता है मुझ क्या पसंद है।
  • आपके नाम से मेरे दोस्त की याद आ गयी।
  • तुमको कल बताया था परीक्षा होंगी।

३  अन्य पुरुष  –

जिस सर्वनाम शब्दों के प्रयोग से वक्ता और श्रोता का संबंध ना होकर किसी अन्य का संबोधन प्रतीत हो। वह शब्द अन्य पुरुष कहलाता है जैसे  –  वह  ,   यह  ,     उन   , उनको  ,  उनसे   ,  इन्हें  ,  उन्हें   ,  उसके  ,  इसने आदि।

  • यह उसकी पुस्तक है।
  • वह कल जायेगा।
  • उनसे कल मिला था आज मिल जायेगा।
  • इन्हे देखो हमेशा खेलते रहते है।
  • उन्हें पता था हम आएंगे।
  • इसने उसे बताया था कल परीक्षा होगी।
  • वह कह रहा था कल बारिश होगी।

परिभाषा –

” जिन सर्वनाम का प्रयोग वक्ता श्रोता या अन्य के लिए किया जाता है वह पुरुषवाचक कहलाता है। “

 

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2 निश्चयवाचक सर्वनाम ( Nishchay vachak sarvnam ) –

  • यह मेरी पुस्तक है।
  • वह माधव की गाय है।
  • वह राम के भाई हैं।

 

‘ यह ‘  , ‘ वह ‘  , ‘  वह ‘ सर्वनाम शब्द किसी विशेष व्यक्ति आदि को निश्चित संकेत करते हैं। अतः यह संकेतवाचक भी कहलाते हैं।

 

इस की परिभाषा –

” जो सर्वनाम किसी व्यक्ति  ,  वस्तु आदि को निश्चयपूर्वक संकेत करें वह निश्चयवाचक कहलाता है।

 

निश्चयवाचक और पुरुषवाचक सर्वनाम में अंतर व समानता निम्नलिखित है –

  • राम मेरा मित्र है , वह दिल्ली में रहता है            — पुरुषवाचक  (अन्य पुरुषवाचक )
  • यह मेरी गाड़ी है , वह राम की गाड़ी है।             — निश्चयवाचक

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3 अनिश्चयवाचक सर्वनाम ( Anishchay vachak sarvnam ) –

  • कोई आ रहा है।
  • दरवाजे पर कोई खडा है।
  • स्वाद में कुछ कमी है।

 

‘ कोई ‘  , ‘ कुछ ‘ सर्वनाम शब्दों में किसी घटना या किसी के होने की प्रतीति हो रही है। किंतु वास्तविकता निश्चित नहीं हो रही है। अतः यह अनिश्चयवाचक है।

 

इस की परिभाषा –

” जो सर्वनाम शब्द किसी निश्चित व्यक्ति , वस्तु अथवा स्थान का बोध नहीं करवाता वह अनिश्चय वाचक कहलाते हैं।

 

 

4 संबंधवाचक सर्वनाम ( Sambandh vachak sarvnam ) –

  • जो कर्म करेगा फल उसीको मिलेगा।
  • जिसकी लाठी उसकी भैंस।
  • जैसा कर्म वैसा फल

‘ जो  ‘ , ‘  उसे  ‘  , ‘ जिसकी ‘ , ‘ उसकी  ‘  , ‘  जैसा ‘  , ‘ वैसा  ‘  इन सार्वनामिक शब्दों में परस्पर संबंध की प्रतीति हो रही है। ऐसे शब्द संबंधवाचक कहलाते हैं।

 

 

इस की परिभाषा –

” वह सर्वनाम शब्द जो किसी वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा अथवा सर्वनाम के संबंध का बोध कराएं उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं जैसे  – ‘ जो ‘ , ‘ सो ‘ , ‘ उसी ‘ आदि।

 

 

 

5  प्रश्नवाचक सर्वनाम ( Prashna vachak sarvnam ) –

  • तुम क्या कर रहे हो ?
  • राम पास हो गया ?
  • मास्टर जी का क्या नाम है ?
  • वहां कौन खड़ा है ?
  • यह काम कैसे हुआ ?

 

‘ तुम ‘  , ‘ गया ‘  , ‘ क्या ‘  , ‘ कौन ‘  आदि सर्वनाम शब्द प्रश्नवाचक कहलाते हैं।

 

परिभाषा –

” वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिससे किसी व्यक्ति , वस्तु अथवा स्थान के विषय में प्रश्न उत्पन्न हो। उसे प्रश्नवाचक कहते हैं जैसे – ‘ क्या ‘ ,  ‘ कौन ‘  , ‘ कहां ‘ , ‘ कब ‘ , ‘ कैसे ‘ आदि।

 

 

6 निजवाचक सर्वनाम ( Nij vachak sarvnam ) –

 

  • मैं अपना कार्य स्वयं करता हूं।
  • मेरी माता भोजन अपने आप बनाती है।
  • मैं अपनी गाड़ी से जाऊंगा।
  • मैं अपने पिताजी के साथ जाऊंगा।

‘ अपना ‘  , ‘ अपनी ‘ , ‘ मेरा ‘ , ‘ मेरी ‘ जिस सार्वनामिक शब्दों से अपने या अपने तो का बोध हो उसे निजवाचक कहते हैं।

 

परिभाषा –

” वह सार्वनामिक शब्द जो स्वयं के लिए प्रयोग करते हैं जैसे – आप  , अपना आदि जिससे स्वयं का बोध हो वह निजवाचक  कहलाते हैं।

 

महत्वपूर्ण तथ्य और स्मरणीय बिंदु –

 

  • ” संज्ञा के बदले आए शब्द को सर्वनाम कहते हैं “
  • इस के छह भेद हैं।
  • पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं। ( १ उत्तम पुरुष  , २ मध्यम पुरुष  , ३ अन्य पुरुष )
  • इस के शब्दों का संबोधन नहीं होता है।

 

इन शब्दों के रूप में पुरुषवाचक  –

  • उत्तम पुरुष सर्वनाम  –    मैं  ,  तुम
  •  मध्यम पुरुष   –   तू   ,  तुम  , आप
  •  अन्य पुरुष    –    वह ,  हुए ,  यह ,
  • निश्चयवाचक   (निकटवर्ती के लिए)  –    यह   , यहां ,
  • निश्चयवाचक ( दूरवर्ती के लिए)        –    वह ,  वहां।
  • अनिश्चयवाचक  (प्राणी बोध के लिए )   –  कोई  
  • अनिश्चयवाचक  (प्राणी बुद्ध के लिए )    – कुछ
  • संबंधवाचक           – जो  ,  सो , उसी ,  उसकी
  • प्रश्नवाचक  (प्राणी वाचक के लिए)       –  कौन
  • प्रश्नवाचक (प्राणी वाचक के लिए)       –  क्या।
  • निजवाचक                     –  आप   ,      अपना। 

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